तुम्हारी यादो ने मुझे पत्थर बनाया है
अधूरे ख्वाबो को ताजमहल बनाया है
तुम्हारी खुसबू सांसो में बसाकर
तुम्हारी तस्वीर को पलकों के पीछे छुपा रखा है
तुम्हारे जाने के जखम अभी भरे नहीं
दर्दीली यादो ने आकर जखम हरा किया है
तुम्हारी छुई मुई मुस्कान ने क्या गजब धाया है
सीसा में भी तुम्हारा अक्स नजर आया है
ये शमा ,रंगीन फिजा फीका नज़र आया है
खुदा ने तुम्हे इतना खुबसूरत बनाया है
तुम्हारे बालो के छाव में मदहोश भी ना हुवा
कजरारे आँखों को नजरो से दूर होते देखा है
तुम्हारी बातो ने अजीब उलझन पिरोया है
कदम कदम पे तुम बिन पैर लड्खाराया है
एन मासूम आँखों ने तड़प तड़प कर
आंशुओ में खुद को डुबोया है
अब खामोश होकर जिंदगी ढल रही है
तेरी यादो ने लहू का कतरा कतरा नीचोरा है
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